यूनिवर्सल होना , पहले समझते है कि यहां यूनिवर्सल होने का क्या अर्थ है - यहां इसका अर्थ है किसी भी वस्तु, ज्ञान, तकनीक का हर जगह पर उपलब्ध होना। विज्ञान अथवा तकनीक आज हर जगह उपलब्ध है। ये आपके सामने आपकी स्क्रीन पर है। आपको बस कुछ शब्द लिखने है और ये आपके सामने आ जाएगी। पर क्या ये सही है? सही अर्थात चीज़ों या तकनीक का यूनिवर्सल रूप से उपलब्ध होना। हां ये बिल्कुल सही है इसमें गलत कुछ भी नहीं, बल्कि इससे तो आम जिन्दगी में सहूलियत हो जाती है। परन्तु हर एक के दो पहलू होते हैं। जहां इसके अनेक फायदे है तो कुछ नुकसान भी हैं। इन्हें यहां यूनिवर्सल ट्रुथ या साइंटिफिक ट्रूठ कहा जाता है, जिसका मतलब है ऐसी बात जो हर जगह मान्य है जैसे 2+2=4 ,सूर्य पूर्व से निकलता है, चार दिशाएं है, पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगती है, ये सब यूनिवर्सल या साइंटिफिक ट्रुथ हैं। इसके अलावा एक और बात यह है कि विज्ञान या तकनीक हर जगह कारगर होगी अगर परिस्थिति अनुकुल हो तो । आप इसे ऐसे समझ सकते हैं, आम हिमालय में भी उगा सकते हैं अगर प्रकृति अनुकुल हो तो। परंतु आज ऐसा नहीं है इंसान ने प्रकृत
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